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ओरछा में शराब दुकान को देख उमा बोलीं- ‘जहां दूध और गंगाजल मिलना चाहिए, वहां…’

मयंक दुबे

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MP POLITICAL NEWS: बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती बीती रात ओरछा पहुंच गईं. यहां पहुंचते ही उन्होंने सीधे शराब की दुकान पर धावा बोला. राम की नगरी में शराब की दुकान देखकर उमा भारती बहुत नाराज हुईं. इसके बाद शराब की दुकान के बाहर उन्होंने रात में ही चौपाल लगा ली. शराब की दुकान देखकर उमा भारती बोलीं ‘सोचा नहीं था कि हमारी ही सरकार में शराब की समस्या आ जाएगी. ओरछा तो भगवान राम की नगरी है. कम से कम यहां तो छोड़ देते. जिस शहर में भगवान राम का दरबार लगा है. जहां पर दूध और गंगाजल मिलना चाहिए, वहां शराब बेची जा रही है’. उमा भारती इतनी अधिक नाराज थी कि शराब की दुकान के बाहर गायों को बांधने के लिए खूंटा ही लगवा दिया और फिर लोगों से कहा कि ‘सुबह इसी शराब की दुकान के बाहर हम लोग गाय बांधेंगे’.

दरअसल उमा भारती लंबे समय से मध्यप्रदेश में शराब बंदी को लेकर आंदोलन चला रही हैं. इस आंदोलन की वजह से उमा भारती की कई बार अपनी ही बीजेपी सरकार और सीएम शिवराज सिंह चौहान से मतभेद सामने आए हैं. उमा भारती चाहती हैं कि गुजरात और बिहार की तरह ही मध्यप्रदेश में भी शराब बंदी लागू हो लेकिन मध्यप्रदेश सरकार हमेंशा से ही शराब से मिलने वाले हजारों करोड़ रुपए के राजस्व को कारण बताकर शराब बंदी को लागू कर पाने में अपनी असमर्थता जताती रही है. लेकिन इसकी वजह से मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार को उमा भारती की नाराजगी का सामना आए दिन करना पड़ता है. बुधवार रात उमा भारती अपनी ही सरकार पर ओरछा में चौपाल लगाकर बरसी.

क्या बोली उमा भारती?
उमा भारती ने कहा ‘ हम लोग पहले दिल्ली और छत्तीसगढ़ सरकार की शराब नीतियों को लेकर आलोचना कर रहे थे. इन राज्यों में शराब नीति के खिलाफ विरोध कर रहे थे. लेकिन सोचा नहीं था कि अपनी ही सरकार में शराब की समस्या आ जाएगी. मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों को लेकर कहीं पर भी कोई मर्यादा नहीं बची है. राजधानी भोपाल में ही कन्याओं के स्कूल के बगल से ही शराब की दुकान आबंटित कर दी गई. ये सब होता है जिला आबकारी अधिकारी की शह पर और उससे पूछाे तो वो कहेगा कि वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से राजस्व वसूली का टारगेट मिला है. टारगेट पूरा करना है तो जिला आबकारी अधिकारी शराब ठेकेदार की मनमानी पर अपनी सहमति दे देता है और शराब दुकानदार जहां मन होता है, वहां पर शराब की दुकान खोल उसकी बिक्री करने लगता है’.

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राम के दरबार में भी शराब बिकवा रहे हो, ये कौन सी राम भक्ति- उमा भारती
उमा भारती ने कहा ‘हमारी सरकार को शराब से ही राजस्व चाहिए, क्योंकि शराब से राजस्व आसानी से मिलता है. अरे, सोचना चाहिए कि ये तो ओरछा है. यहां भगवान राम का दरबार लगता है. यहां भी शराब की दुकान सड़क से 50 मीटर के अंदर ही खुली है. कही भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है. अब राम के दरबार में ही शराब की दुकान खुलवा दोगे तो फिर हमारे नेता कौन सी राम भक्ति कर रहे हैं. किस रामभक्ति की बात ये लोग करते हैं’. जब उमा भारती से मीडिया कर्मियों ने सवाल किया कि क्या बीजेपी रामभक्ति से दूर होती जा रही है तो इस पर उमा भारती बोली, ‘ये तो आप बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से पूछो. वे ही इस सवाल का जवाब देंगे’.

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लोगों की लत का इस्तेमाल कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं
उमा भारती ने लोगों से बातचीत के दौरान कहा कि ‘लोगों की बुरी लत का इस्तेमाल कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है. आज जो ये समस्या हमारे सामने खड़ी है, उसके लिए कहीं न कहीं मैं भी दोषी हूं. क्योंकि मैंने इस सरकार और स्थानीय विधायकों के लिए लोगों से वोट मांगे थे और आज हम इस परेशानी से जूझ रहे हैं. इस वक्त खुद को ही दोषी मान रही हूं’. उमा भारती रात 11 बजे तक शराब दुकान के बाहर चौपाल लगाकर बैठी रहीं और अलाव पर तापते हुए लोगों से बातचीत भी करती रहीं. शराब नीति के मामले में उमा भारती के तेवर मध्यप्रदेश सरकार को लेकर लगातार तीखे बने हुए हैं.

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