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ब्रेन डेड हुआ तो महिला ने किया ऐसा काम, अंतिम विदाई में हर कोई करने लगा झुक कर सलाम

राजेश रजक

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Positive News: कहते हैं कि “जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि” जन्म देने वाली मां स्वर्ग से बड़ी होती है. रायसेन जिले में जन्म लेने वाली पुष्पलता ने 11 लोगों को जीवनदान दे दिया और अपने 11 अंगों का दान कर और भी बड़ा पद प्राप्त किया. अंगों का प्रत्यारोपण करने वाले एक स्वयंसेवी संगठन ने बैंड बाजों और पुष्पवर्षा के बीच देह के अंगदान करने वाली इस महान महिला को अंतिम विदाई दी.

पुष्पलता जैन का ब्रेन हेमरेज हो गया था. ऐसे में जिंदा रहने की उम्मीद कम ही रहती है. ऐसे में परिवार ने उनके अंगों से दूसरे लोगों को जीवनदान देने के बारे में सोचा. पुष्पलता जैन के अंग 11 लोगों को डोनेट किए गए. उनकी लिवर, किडनी और आंखों जैसे अंगों का प्रत्यारोपण किया गया. देहदान के बाद उन्हें बैंड बाजे से अंतिम विदाई दी गई.

11 लोगों को दिया जीवनदान
रायसेन जिले के उदयपुरा में 1 अक्टूबर 1961 को जैन परिवार में पुष्पलता जैन का जन्म हुआ. पूर्व प्रधानाध्यापक स्वर्गीय चंपालाल जैन की यह बड़ी बेटी और स्व.अशोक कुमार जैन , दिनेश कुमार जैन की बड़ी बहन हैं. पुष्पलता जैन के पति भारतीय सेना से सेवानिवृत्त नर्मदापुरम जिले के निवासी एक पूर्व सैनिक अधिकारी हैं. अपनी पत्नी का ब्रेन डेड होने के बाद, पत्नी के अंगों का दान कर 11 लोगों के जीवन को नई उम्मीदों से भर दिया.

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ब्रेन डेड हुआ तो अंगदान का लिया फैसला
पुष्पलता जैन के पति लखनलाल जैन सेना से रिटायर्ड हैं. 5 मई को 62 वर्षीय पुष्पलता जैन की तबियत अचानक बिगड़ गई, ब्लडप्रेशर बढ़ने के बाद उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था. वहीं डॉक्टरों ने बताया कि ब्रेन डेड होने पर मरीज की रिकवरी की संभावनाएं बहुत ही कम हो जाती हैं. इसके बाद उन्होंने पत्नी के अंगदान कर दूसरे लोगों को जीवनदान करने का फैसला लिया. उनकी दोनों बेटियां अंजू-मंजू जैन, अप्रवासी भारतीय बेटा मनीष जैन और पूरा परिवार भी तैयार हो गया. परिवार का यह फैसला पूरे समाज के लिए एक नई मिसाल बना है.

हर किसी ने नम आंखों से दी विदाई
पुष्पलता जैन के अंगों का 9 मई को ट्रांसप्लांट किया गया. ट्रांसप्लांट करने वाले एनजीओ ने पुष्पवर्षा और बैंड-बाजे की धुन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. अस्पताल के डॉक्टर, नर्स समेत कई गणमान्य नागरिक पुष्पलता जैन की नम आंखों से अंतिम विदाई करने पहुंचे. भाई ने बताया कि पहले से ही बड़ी धार्मिक एवं दानदाता रही हैं और अब उन्होंने जीवनदान कर दिया.

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