MP Politics: मध्य प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव का एक अप्रैल को जन्मदिन था, इस मौके पर उनके गृह ग्राम बोरावां में उनकी एक प्रतिमा का अनावरण पूर्व सीएम कमलनाथ ने किया था. अब उसी गांव पहुंच हैं उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव. इस साल मध्य प्रदेश में चुनाव हैं और अब अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में चुनावी संभावनाएं तलाश रहे हैं. यूं तो अखिलेश यादव कांग्रेस से दूरी बनाकर चलते हैं, लेकिन यहां पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री और सुभाष यादव के बेटे अरुण यादव और छोटे बेटे सचिन यादव ने अखिलेश यादव के लिए रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया. बोरावां पहुंचने से अखिलेश यादव का रास्ते में एक जगह स्वागत कराया गया, जहां सचिन यादव खुद ही लोगों को बुलाते हुए दिखाई दिए.
निमाड़ इलाके को अरुण यादव और सचिन यादव का गढ़ माना जाता है और अखिलेश यादव ने इसी वजह से यहां से अपने दौरे की शुरुआत की है. यहां पर वह पूरी तरह से यादव पॉलिटिक्स करते दिखाई दिए. अब उनकी नजर दलितों पर भी है, कल वह भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उनके जन्मस्थान महू जाएंगे. हालांकि जब पत्रकारों ने मध्य प्रदेश के चुनावों को लेकर उनसे रणनीति के बारे में पूछा तो उन्होंने इतना ही कहा कि यहां (अरुण यादव के निवास पर) पर बोलना ठीक नहीं है, लेकिन समाज वादी पार्टी चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि बोरावां जाने से पहले एयरपोर्ट पर अखिलेश यादव ने कहा कि इंदौर आकर यही कह सकता हूं, कि देश में बदलाव होना चाहिए और देश की जनता भी बदलाव चाहती है. वहीं, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि सवाल विधानसभा सीटों का नहीं है. कल मैं बाबा भीमराव अंबेडकर जयंती के दिन महू जाऊंगा. उन्होंने कहा कि जब तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में रहेगी. संविधान को खतरा रहेगा. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के दिए संविधान के जो अधिकार दिए हैं, उन्हें खतरा रहेगा.
एनकाउंटर प्रदेश बन गया है यूपी: अखिलेश
अतीक अहमद के बेटे के एनकाउंटर को लेकर अखिलेश यादव ने कहा- थोड़ा पीछे जाएं, हम आज मप्र में हैं और यहीं से एक गाड़ी गई थी और उसी के आसपास गाड़ी पलट गई थी, हमने ही नहीं पूरे यूपी की जनता ने सवाल उठाए थे कि गाड़ी कैसे पलट गई. उससे पहले एक यादव जाति के नौजवान की पुलिस ने हत्या की और फेक एनकाउंटर में मारा डाला, उससे पहले कानपुर में एक मां और बेटी बैठी हैं प्रशासन के लोग बुलडोजर चला और सबने देखा कि वहां मां बेटी मर गई. इसी तरह से पुलिस के एक और फेक एनकाउंटर या कस्टोडियल डेथ में सीएम के सजातीय युवक की मौत हो गई. बलिया में एक छात्रनेता को जो सपा से जुड़ा था उसे मार-मार कर उसकी जान ले ली गई. और आज हम ये खबर सुन रहे हैं.
यूपी एनकाउंटर प्रदेश बन गया है. अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए, अपना सब कुछ अपना दांव पर लगाकर सरकार के दबाव में ये काम कर रहे हैं. माफिया खत्म कर देंगे, मिटटी में मिला दें… वो मेरे सामने की बात है, सदन की बात है, क्या सीएम बलिया के नवयुवक की मौत पर दोषियों को मिटटी में मिला देंगे. एक मां-बेटी की जलकर माैत हो गई, क्या आप उन्हें मिटटी में मिला देंगे. ये बात केवल एक सीमा तक है, भेदभाव कर रहे हैं, ये केवल चुनाव देख रहे हैंं और समाज को बांट रहे हैं. सीएम कहते हैं कि 100 में 4 बेरोगजार कौन मानेगा ये बात?
बोरावां पहुंचने पर क्या बोले अखिलेश?
सुभाष यादव यहां के बहुत बड़े नेता रहे हैं. उनके परिवार से मिलने का सौभाग्य मिला. चीनी मिल से लेकर गरीबों को सम्मान दिलाना, खेतों तक पानी पहुंचाना था. वह जीवन भर करते रहे. नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के साथी रहे, उनसे जो संबंध था, वह राजनीतिक संबंध नहीं था. उन दोनों के बीच भाई जैसा भाव था. आज मैं परिवार से मिला हूं, जैसा नेता जी का संबंध था, वही संबंध मेरा इस परिवार से रहेगा.
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