धर्म परिवर्तन पर सागर संभाग में हुई पहली बार बड़ी सजा, इस धर्म को अपनाने का बना रहे थे दबाव

हिमांशु शिवा

15 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 15 2024 3:23 PM)

सागर संभाग में पहली बार धर्म परिवर्तन के मामले में किसी को सजा मिली है. एक दंपति इस मामले में दोषी पाए गए हैं और उनको दो-दो साल की सजा दी गई है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है.

Sagar District Court

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MP News: मध्यप्रदेश के सागर जिले में ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाने वाले दंपति को कोर्ट ने दो-दो साल की सजा और 25- 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश किरण कौल की अदालत ने सागर में पहली बार धर्मांतरण पर इस तरह का फैसला सुनाया है, आरोपी दंपती ने युवक काे ईसाई धर्म अपनाने पर नौकरी के अलावा 20 हजार रुपए प्रतिमाह देने का लालच दिया था. मामला शहर के कैंट थाना क्षेत्र का है. आरोपी, आवेदक की पत्नी के रिश्तेदार हैं.

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कोर्ट ने मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा पेश साक्ष्य- सबूत व गवाहों के आधार पर मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3 व सहपठित धारा 5 के तहत सजा व जुर्माने से दंडित किया है. मामले की पैरवी करने वाले अपर लाेक अभियाेजक रमन कुमार जाराेलिया ने बताया कि धर्मांतरण के केस में सजा व अधिकतम जुर्माने का सागर में संभवत: यह पहला मामला है.

अपर लोक अभियोजक जाराेलिया के अनुसार 40 वर्षीय आरोपी रमेश मसीह और उसकी पत्नी सखी निवासी विवेक नगर भैंसा थाना कैंट पर आरोप है कि दाेनाें ने 18 अक्टूबर 2021 उसके पूर्व भैंसा में फरियादी अभिषेक को ईसाई धर्म अपनाने पर नौकरी व 20 हजार रुपए प्रतिमाह देने और ईसाई धर्म स्वीकार न करने पर उसकी पत्नी काे फरियादी के साथ न भेजने का दबाव बना रहे थे.

आरोपी पीड़ित की पत्नी को भी बनाना चाहते थे ईसाई

आरोपी उसकी पत्नी को भी ईसाई धर्म अपनाने काे कहते थे. जिससे वह भयभीत था. आरोपियों ने उस पर मानसिक दबाव बनाया. जिस पर अभिषेक ने मामले की कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. कोर्ट में चालान पेश होने के बाद सुनवाई चली. कोर्ट ने माना कि रमेश व सखी ने अभिषेक को न सिर्फ धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रलोभन दिया व दबाव डाला है, बल्कि उसकी पत्नी व अन्य को भी ईसाई धर्म अपनाए जाने के लिए प्रोत्साहित किया है. 

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