Raisen news: प्रदेश सरकार जहां एक ओर लाडली बहिना योजनाओं के जरिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने में लगी हुई है, तो वही वही आंगनवाडी कार्यकर्ता ,सहायिकाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका एकता यूनियन ने आज से काम बंद हड़ताल शुरू कर दी है. इससे आंगनवाड़ी केंद्रों पर ताले पड़ गए है. बुधवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाने के साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू कर दिया है. संगठन से जुड़ी कार्यकर्ता और सहायिका काम बंद कर कलेक्ट्रेट के पास धरने पर बैठ गई है. कार्यकर्ताओं ने कहा सरकार चुनाव के पहले तो खूब वादे करती है लेकिन चुनाव निकल जाने के बाद हमारे साथ सौतेला सुलूक करती है.
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चुनावी साल में सरकारी कर्मी अपनी बात मनमाने के लिए हड़ताल करने पर आमादा हो चुके हैं. रायसेन जिले के बरेली में छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने आज से कलम बन्द हड़ताल शुरू कर दी है, सहायिकाओं का कहना है कि हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार मागे ना मान ले.
सरकार के खिलाफ बढ़ रही नाराजगी
इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार चुनाव के पहले बड़े-बडे सपना दिखाती है. हम ऐसा कर देंगे वैसा कर देगें लेकिन चुनाव निकलने के साथ् ही ये लोग अब अपनी बातों से मुकर रहे है. हालांकि कार्यकर्ताओं की कोई बड़ी मांग नहीं है, इस महंगाई के समय में जो वेतन मिल रहा है. उससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में अगर कलेक्टर दर पर इनको वेतन दिया जाता है और नर्सरी के शिक्षक के रूप में पदोन्नती कर दिया जाता है तो और बेहतर तरीके से कार्य संपादित किया जाएगा.
लाड़ली बहना योजना का काम होगा प्रभावित
एक तरफ जहां राज्य शासन द्वारा लाड़ली बहना योजना को जोर-शोर से प्रारंभ करने के लिए जमीनी स्तर पर सर्वे कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है, वहीं दूसरी ओर सर्वे दल में अहम भूमिका अदा कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अधिकारी बुधवार से सामूहिक अवकाश पर चले गए. इससे सर्वे कार्य प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है. बुधवार को महिला एवं बाल विवाह विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक समेत समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी है.
सरकार से मांगे
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए, तब तक न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए के मान से दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर महंगाई को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ता व मिनी कार्यकर्ता को 5 लाख रुपए व सहायिका को 3 लाख रुपए सेवानिवृत्ति लाभ दिया जाए, 8 अप्रैल 2018 को सीएम निवास पर आयोजित पोषण उन्मुखीकरण कार्यक्रम में सीएम द्वारा आबां कार्यकर्ता के मानदेय दुगना करने की घोषणा के साथ सेवानिवृत्ति पर कार्यकर्ता को 1 लाख रुपए व सहायिका को 75 हजार रुपए देने की घोषणा को उसी दिनांक से लागू कर भुगतान किया जाए, कार्यकर्ता के मानदेय से 1500 रुपए, सहायिका के मानदेय से 750 रुपए व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय से काटी गई 1250 रुपए की राशि का एरियर सहित भुगतान किया जाए, पर्यवेक्षकों के रिक्त पदों पर 100 प्रतिशत भर्ती कार्यकर्ताओं से की जाए. कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों पर 50 प्रतिशत योग्य सहायिकाओं से व 50 प्रतिशत पदों को मिनी कार्यकर्ताओं से भरा जाए, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 24 अप्रैल 2022 को जारी आदेश का पालन करते हुए सेवा निव़त्त सभी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाए.
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