जिस किसान को मरा बताकर रोक दी थी PM किसान सम्मान निधि, वो DM से बोला, ‘जिंदा हूं मैं’

मनोज पुरोहित

• 10:01 AM • 18 Apr 2023

shajapur news: उज्जैन संभाग के शाजापुर जिले में एक मृत किसान जीवित हो उठा. भ्रष्ट सिस्टम ने इस किसान को 20 महीने पहले कागजों में ही मार दिया था. किसान के पास सिर्फ 0.497 हेक्टेयर जमीन है और उस पर उसे सितंबर 2021 से पहले 10 हजार रुपए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में […]

PM Kisan Samman Nidhi ujjain news shajapur news Shajapur Collector

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shajapur news: उज्जैन संभाग के शाजापुर जिले में एक मृत किसान जीवित हो उठा. भ्रष्ट सिस्टम ने इस किसान को 20 महीने पहले कागजों में ही मार दिया था. किसान के पास सिर्फ 0.497 हेक्टेयर जमीन है और उस पर उसे सितंबर 2021 से पहले 10 हजार रुपए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में मिला करते थे. लेकिन उसके हिस्से की इस छोटी सी राशि को भी हड़पने के लिए भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों ने किसान को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया, जिससे उसकी यह सम्मान निधि रोक दी गई. किसान का नाम भोजराज मेवाड़ा है जो शाजापुर जिले के शुजालपुर तहसील के ग्राम कोहिलया का रहने वाला है. किसान अपनी परेशानी को लेकर मंगलवार को कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुंचा और सिर्फ एक ही बात बोली, ‘डीएम साहब मैं अभी जिंदा हूं’.

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कलेक्टर किशोर कन्याल ने किसान की यह बात सुनकर चौक गए. कलेक्टर ने किसान भोजराज मेवाड़ा को पूरा मामला बताने को कहा तब भोजराज ने बताया कि वह जिंदा है लेकिन सरकारी कागजों में उसे मरा हुआ घोषित कर दिया है. मैं हर जगह अपना आधार कार्ड लेकर जाता हूं लेकिन कलेक्ट्रेट के अधिकारी मेरे आधार कार्ड को देखकर बोलते हैं कि आधार कार्ड वाला इंसान मर चुका है. जब मैं कहता हूं कि आधार कार्ड वाला यह आदमी आपके सामने जिंदा खड़ा है तो वे कहते हैं कि ‘क्या सबूत है कि तुम जिंदा हो’.

कलेक्टर किशोर कन्याल इस लापरवाही की बात सुनकर हैरान रह गए. कलेक्टर ने कहा कि तुमको किसी को जिंदा होने का सबूत देने की जरूरत नहीं है. आप अपना आवेदन दीजिए, हम पूरे मामले की जांच करा लेते हैं. इसके बाद किसान ने कलेक्टर किशोर कन्याल को अपने सारे दस्तावेज और जांच कराने का आवेदन दिया.

तहसीलदार को कई बार आवेदन दिया, लेकिन सुना तक नहीं गया
किसान भोजराज मेवाड़ा ने कलेक्टर को बताया कि वह कोई पहली बार अपनी परेशानी लेकर सरकारी अधिकारियों के पास नहीं आया है. वह कई बार आ चुका है. कई बार स्थानीय तहसीलदार को अपनी यह परेशानी बताई लेकिन किसी ने उसको सुना तक नहीं. किसान ने बताया कि वह दर-दर सरकारी अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहा है कि कोई तो उसे जिंदा माने. कलेक्टर ने अब पूरे मामले की जांच के लिए जिले के एसएलआर को निर्देश दिए हैं.

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