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केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 24 हजार 293 करोड़ मंजूर, जानें मोहन कैबिनेट के अहम फैसले

एमपी तक

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मोहन यादव कैबिनेट कई बड़े फैसले किए.
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CM Mohan Yadav Cabinet: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना के दो चरणों के लिए मोहन यादव कैबिनेट ने 24 हजार 293 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है. गुरुवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में कई अहम फैसले हुए हैं, इसमें चित्रकूट विकास प्राधिकरण के गठन को मंजूरी और उज्जैन, सागर और जबलपुर में रोप-वे बनाने की स्वीकृति शामिल है. आइए जानते हैं मोहन कैबिनेट ने कौन से अहम फैसले किए. 

मोहन कैबिनेट ने छतरपुर जिले में दोधन बांध बनाने का निर्णय लिया है. केन-बेतवा लिंक परियोजना में केन नदी के अतिरिक्त पानी को उत्तर प्रदेश के झांसी के नजदीक बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार ने चित्रकूट के समग्र विकास के लिए चित्रकूट विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को अलग कर चित्रकूट विकास प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी. 20 करोड़ रुपये के सहायता अनुदान की स्वीकृति दी गई है.

केन-बेतवा परियोजना 4 लाख आबादी को उपलब्ध कराएगी पेयजल

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के दस जिलों में 8.11 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता में वृद्धि और लगभग 44 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने वाली केन बेतवा लिंक परियोजना के पहले और दूसरे चरण के कामों के लिए 24 हजार 293 करोड़ रुपये की स्वीकृति देने का निर्णय लिया. पहले चरण में बांध और नहर बनेगी. दूसरे चरण में बेतवा बेसिन की लोवर और बांध परियोजना, कोठा बैराज और बीमा काम्प्लेक्स परियोजना शामिल की गई हैं. 

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रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक बनेगा रोप वे

राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम 'पर्वतमाला' के तहत उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप वे बनाया जाएगा. सागर में टिकिटोरिया माता मंदिर फनीकुलर, एम्पायर स्टेडियम से गुरुदारा (वाया रामपुर चौक एवं एवेन्यू माल) और सिविक सेंटर से बलदेवबाग (वाया मालवीय चौक, लाडगंज, बड़ाफुआरा, जबलपुर बनाया जाएगा. रोपवे के विकास, कार्यान्वयन, निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए लोक निर्माण विभाग एवं नेशनल हाईवे लाजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के बीच अनुबंध किया जा चुका है. 

कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले

  • किसान या किसानों के समूहों को सोलर कृषि पंप कनेक्शन देने की मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का नाम बदलकर अब प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना किया गया है. 
  • प्रदेश के विश्वविद्यालयों के पेंशनरों को राज्य के कर्मचारियों की तरह सातवें वेतनमान के अनुसार पेंशन मिलेगी. अभी छठवें वेतनमान के अनुसार पेंशन मिल रही थी. 

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