Madhya Pradesh: सीएम शिवराज के गृह जिले सीहोर में किसानों की फसलों की राहत राशि में 2 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है. जिले में किसानों की क्षतिपूर्ति की राशि को अलग से फर्जी नाम जोड़कर करीब 2 करोड़ की राशि को दूसरों के खातों में डाला गया. मामले को लेकर सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
मामला साल 2017 से लेकर 2021 तक की बारिश ओलावृष्टि प्राकृति आपदा क्षति पूर्ति की राशि से जुड़ा हुआ है. शुरुआती जांच में पता चला कि 63 लाख 58 हजार 894 रुपए की राशि को तहसील के नाजिर, कंप्यूटर ऑपरेटर, उनकी पत्नी और हल्का पटवारी ने अपने खातों में ट्रांजेक्शन किया था. इसी तरह जिले की तहसील आष्टा और रेहटी में भी खातों में राशि डाली गई है, जिले भर की यह राशि करीब दो करोड़ बताई गई है.
ऐसे हुआ खुलासा
ये मामला ग्वालियर के महालेखाकार के ऑडिट में किसानों के नाम मिस मैच होने पर सामने आया. जब महालेखाकार द्वारा विभिन्न जिलों से किसानों की क्षति पूर्ति के लिए आई राशि का ऑडिट किया गया, तो जिन किसानों के खातों में राशि डालनी थी, उनकी जगह दूसरे लोगों के नाम निकलकर सामने आए. जिसे देखकर अधिकारी भी चौंक गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए गए है.
12 जिलों में हुआ राशि का दुरुपयोग
जानकारी ये है कि इस तरह से 12 जिलों में राशि का दुरुपयोग किया गया है. ऑडिट में पता चला कि सीहोर के अलावा विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, सतना ,दमोह, छतरपुर,खंडवा, सिवनी, मंदसौर, अगर, श्योपुर में राशि का दुरुपयोग किया गया, अलग से खातों को जोड़कर ट्रांजेक्शन किया गया है. इन जिलों में कुल करीब 15 करोड़ की राशि की हेराफेरी की संभावना है.
कलेक्टर ने दिए एफआईआर के निर्देश
मामले को लेकर सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि ऑडिट में मामला सामने आया है, जिसको लेकर टीम बनाई गई है और जांच कर FIR कराने के निर्देश दिए गए हैं. नाजिर, कंप्यूटर ऑपरेटर ने किसानों की जगह अलग से नाम जोड़कर राशि को ट्रांजेक्शन किया है, 4 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने को लेटर लिखा गया है.
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