नामीबिया से कूनो लाए गए 8 में से एक चीता ‘साशा’ की मौत, दर्दनाक है इसकी कहानी
ADVERTISEMENT
Kuno National Park: मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत हो गई है. 5 साल की साशा किडनी संक्रमण से पीड़ित थी. बताया जा रहा है कि भारत की धरती पर आने से पहले ही किडनी की बीमारी से जूझ रही थी और नामीबिया में उसका ऑपरेशन भी हो चुका था, लेकिन यह बात छिपाई गई थी. सूत्रों के मुताबिक, डीएफओ और पीसीसीएफ सहित कई अफसर पार्क में मौजूद हैं. एडीजी एनटीसीए संदीप यादव ने प्रेस नोट जारी कर मादा चीता की मौत की पुष्टि की है.
कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में बने कंपार्टमेंट नंबर-5 में दो मादा चीता सवाना और सियाया के साथ रही रही मादा चीता साशा के गत 22-23 जनवरी को बीमार होने के लक्षण पता चले थे. इसके बाद उसे बड़े बाड़े से छोटे बाड़े में शिफ्ट किया गया. साशा खाना नहीं खा रही थी और सुस्त रह रही थी. इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में मौजूद तीन डॉक्टर और भोपाल से पहुंची डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो मादा चीता की किडनी में इंफेक्शन पाया गया.
पीएम मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था इन चीतों को
बता दें कि पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों (5 मादा और 3 नर) को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. सभी 8 चीते बीते चार माह में अपने नए घर कूनो में सर्वाइव भी कर करने लगे थे. सभी चीते अब पूरी तरह फिट होकर शिकार भी कर रहे थे. इसी बीच, 22 जनवरी को इनमें से मादा चीता साशा बीमार हो गई थी. जिसका दुनिया में चीतों के सबसे बड़े विशेषज्ञ डॉ. एड्रियन टोरडीफ (Adrian Tordiffe) के परामर्श से इलाज भी किया गया, लेकिन अब उसे बचाया नहीं जा सका.
ADVERTISEMENT
उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका से भी 18 फरवरी को कूनो नेशनल पार्क में 12 चीते लाए गए थे. इनमें 7 नर और 5 मादा चीते भी क्वारन्टीन बाड़ों में क्वारन्टीन अवधि पूरी कर चुके हैं. इन नए मेहमानों को भी अब छोटे बाड़ों से बड़े बाड़ों में रिलीज करने पर विचार विमर्श किया जा रहा है. फिलहाल 4 नामीबियाई चीतों को ही खुले जंगल में छोड़ा गया है.
ये भी पढ़ें: दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों का 46 घंटे में 6 बार हुआ हेल्थ चेकअप, रास आया ‘कूनो’
ADVERTISEMENT
ये भी पढ़ें: कूनो नेशनल पार्क : पहले चरण में नर और मादा नामीबियाई चीते ने बाड़े से आजाद होकर लगाई जंगल में दौड़
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT