CM शिवराज के प्रोग्राम में बेटे से हुए दुर्व्यवहार पर वन मंत्री का चढ़ा पारा, एसपी को दे डाली धमकी
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MP News: खंडवा में मंगलवार की शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिस मंच से महिलाओं को सम्मान दिलाने की बात कर रहे थे, उसी मंच पर उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी विजय शाह और अन्य जनप्रितिनिधि अपमान का घूंट पीकर बैठे रहे. वज़ह थी मंत्री पुत्र और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस द्वारा मंच पर चढ़ने को लेकर की गई अभद्रता. विजय शाह का पारा तो इस कदर चढ़ा कि उन्होंने नवागत एसपी सत्येंद्र शुक्ला को खुले तौर पर धमकी दे डाली. उन्होंने कहा कि ऐसे में एसपी यहां ज्यादा दिन नहीं टिक पाएंगे. वहीं, प्रशासन का कहना है कि मंत्री के बेटे को पहचान नहीं पाए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाड़ली बहना महासम्मेलन में शामिल होने खंडवा आए थे, इस दौरान मंच पर चढ़ने की भाजपा नेताओं में होड़ लगी थी, जिसे नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए. इसी दौरान वनमंत्री विजय शाह के पुत्र दिव्यादित्य शाह जो जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी हैं, मंच पर चढ़ने लगे तो उनसे पुलिसकर्मियों ने पास दिखाने को कहा… वह पास नहीं दिखा पाए तो तो पुलिस ने उन्हें धक्के देकर मंच से नीचे उतार दिया.
वन मंत्री के बेटे ने आरोप लगाया कि एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उनकी कॉलर पकड़कर मंच से उतारा गया. इसका 43 सेकेंड का वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है. इस घटनाक्रम की जानकारी मिलने के बाद वन मंत्री विजय शाह का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया. उन्होंने मुख्यमंत्री की रवानगी के बाद भाजपा कार्यालय में पहुंचकर तत्काल पत्रकारों को बुलाकर अपना आक्रोश ज़ाहिर किया. उन्होंने यह तक कह दिया “ये भाजपा की सरकार है यहां जनप्रतिनिधियों की बेइज्ज़ती करने वालों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर इस तरह बद्तमीजी से हमारे युवा नेताओं के साथ बात करेंगे तो वे बहुत दिन यहां एसपी नहीं रह पायेंगे. मामला बहुत गंभीर है.”
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जनप्रतिनिधियों के साथ बद्तमीजी नहीं चलेगी
“मैंने स्वयं जानकारी मिलने के बाद एसपी साहब को हमारी जिला पंचायत बहन का फोटो, जिला उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह का फोटो अभी वाट्सएप किया है. एसपी साहब नमस्कार मैं विजय शाह, मेरे पास ये लोग आये थे, किसी जनप्रतिनधि के साथ ऐसी बेइज्जती और वाहियात हरकत न हो, मेहरबानी करके ये दो चेहरे पहचान लीजिए. बाकि के फोटोस भी मैं भिजवा रहा हूं. मेरी सरकार है, इनके गुस्से को मुख्यमंत्री जी को बताना मेरा फ़र्ज़ है.”
यही नहीं, पंधाना जनपद अध्यक्ष जो एक आदिवासी महिला हैं, उन्हें भी पुलिस ने मंच पर आने से रोका, जबकि यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए था. उन्होंने पुलिस दुर्व्यवहार के लिए सीधे तौर पर एसपी को ही जिम्मेदार बताया, उन्होंने कहा कि जब पुलिस का मुखिया ही इस तरह बर्ताव करेगा तो अधीनस्थों से क्या उम्मीद की जा सकती है?
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