इस खतरनाक बीमारी से पीड़ित हुए परिवार के 5 लोग, CM शिवराज से लगाई मदद की गुहार
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Rewa News: रीवा जिले में एक ही परिवार के 5 सदस्य अजीब अनुवांशिक बीमारी से जूझ रहे हैं. दिल्ली एम्स में हुई रिसर्च के बाद इस बीमारी को मस्क्युलर डिस्ट्रोफी से जुड़ा रोग बताया गया है. इस खतरनाक बीमारी का इलाज केवल जर्मनी में ही संभव है. इलाज की आस खो चुके पीड़ित परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाई है. इसके बाद CM शिवराज ने परिवार से फोन पर बात की और इलाज का भरोसा दिलाया है.
रीवा जिले के त्योंथर उसरगांव में रहने वाले एक परिवार के 5 सदस्य वर्षों से इस बीमारी से पीड़ित हैं. खाना पीना एक सामान्य व्यक्ति की तरह होने के बावजूद पूरा शरीर कंकाल मे तब्दील होता जा रहा है. लाख कोशिशों के बावजूद इलाज नहीं हो पा रहा था, इसके बाद दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया और बीमारी पर रिसर्च की गई, जिसमें खुलासा हुआ कि ये मस्क्युलर डिस्ट्रोफी से जुड़ी बीमारी है. इसका इलाज भारत नहीं बल्कि जर्मनी में ही संभव है.
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सीएम शिवराज ने दिया मदद का आश्वासन
परिवार ने इलाज की गुहार लगाई तो राज्य सभा संसद विवेक तंखा ने दिल्ली एम्स में भर्ती कराया था. सालों चले इलाज के बाद एम्स के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. पीड़ित परिवार ने इलाज की गुहार लगाई तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वत: मामले को संज्ञान में लिया है. एसडीएम पीके पांडे की मौजूदगी में पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फोन पर बातचीत कर इलाज का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमारी से संबंधित सभी जांच और इलाज जैसे अन्य दस्तावेजों की फाइल तैयार कर भोपाल भेजे जाने हेतु एसडीएम और कलेक्टर को निर्देश दिए हैं.
दर्द से कराह रहा है परिवार
आपको बता दें कि रीवा के त्योंथर में रहने वाले परिवार में रामनरेश यादव उनके तीन बेटे मनीष, अनीष, मनोज और बेटी सुशीला इस खतरनाक अनुवांशिक बीमारी से जूझ रहे हैं. रिसर्च में सामने आया है कि ये मस्कुलर डिस्ट्रोफी अनुवांशिक बीमारी के लक्षण हैं, जिसका इलाज जर्मनी में होने की बात कही गई है. बीमारी से पीड़ित मनीष यादव ने बताया कि जन्म से 10 वर्ष तक उनकी स्थिति पूरी तरह सामान्य रही है. इसके बाद समय के साथ स्थिति गंभीर होती चली गई. अब हालत काफी गंभीर हो गई है. पूरा परिवार दर्द से कराह रहा है, सरकार शासन-प्रशासन से मदद की दरकार है.
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