MP News: जमीन में गड़ा मिला 1700 साल पुराना ऐसा 'खजाना', देखकर ASI के अधिकारी भी हैरान

दीपक शर्मा

22 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 22 2024 8:55 PM)

मध्य प्रदेश के पन्ना को हीरों, झीलों और मंदिरों का जिला कहा जाता है. यहां सदियों पुराने मंदिर हैं. सदियों पुराने इन मंदिरों में कुछ मौजूद हैं और कुछ जमीन के अंदर दबे हुए हैं.

पन्ना में हुई खुदाई में ऐतिहासिक खजाना मिला है.

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के पन्ना को हीरों, झीलों और मंदिरों का जिला कहा जाता है. यहां सदियों पुराने मंदिर हैं. सदियों पुराने इन मंदिरों में कुछ मौजूद हैं और कुछ जमीन के अंदर दबे हुए हैं. इस गड़े हुए ऐतिहासिक खजाने को बाहर निकालने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शुरू की है. एएसआई ने नचना कुठारा गांव में चौमुखनाथ मंदिर परिसर में स्थित टीलों की खुदाई की है, उसमें प्रारंभिक चरण में ही जो कुछ मिला है, वह चौंकाने वाला है. 

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इस खुदाई में सबसे प्राचीन मंदिर के अवशेष और शिवलिंग मिला है. जिसके बाद कहा जा रहा है कि यह मंदिर मठ से निर्मित किए गए होंगे. जो पहली से पांचवी सदी के बीच के हो सकते हैं. ASI की खुदाई और भी प्राचीन मंदिर व प्रतिमाएं मिलने की संभावना जताई जा रही है.

ASI ने 8 टीलों को किया चिन्हित

जानकारी के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा पन्ना जिले के नचना कुठारा गांव में स्तिथ पांचवी सदी के प्राचीन मंदिर चौमुखनाथ मंदिर परिसर में 8 टीलों को चिन्हित किया गया था. जिनमें प्राचीन मंदिर और प्रतिमाओं के मिलने की संभावना 4 मार्च से खुदाई का शुरू किया गया है. 15 दिन की खुदाई में दो टीलों की खुदाई हो रही है. जिसमें शिव मंदिर के अवशेष व एक शिवलिंग मिला है.

ASI बरत रहा सतर्कता

पुरातत्व विदों का मानना है कि जब यहां स्थित पार्वती मंदिर गुप्तकालीन पांचवी सदी के मौजूद है. खुदाई में मिला शिवलिंग व मंदिर के अवशेष देश के सबसे प्राचीन यानी पहली सदी से पांचवी सदी के बीच के हो सकते हैं. हालांकि एएसआई विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी में यहां खुदाई का कार्य जारी है. किसी भी प्रकार से शासकीय संपत्ति को हानि न हो उसके लिए ASI पूर्ण रूप सतर्कता बरत रहा है. मजदूरों और हाथ के औजारों से बारीकी से काम किया जा रहा है. खुदाई के दौरान चिन्हित टीलों में धागे का सर्किल बनाया गया है. 

जहां फोटोग्राफी वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध है. इस कार्य को मुख्य रूप से जबलपुर पुरातत्व विभाग टीम काम कर रही है. नाचना ग्राम पुरातत्व विभाग की दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्राम है. यहां स्थित पार्वती मंदिर भारत के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. जो करीब 1600 वर्ष पुराना पांचवीं सदी का मंदिर है. उसके बाद करीब सातवीं सदी का चौमुख नाथ मंदिर है, जहां भगवान शिव की चौमुखी प्रतिमा विराजित है. 

कलेक्टर ने कहा- मेरी ASI अधिकारियों से बात हुई

पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि नचना ग्राम में स्तिथ चौमुखनाथ मंदिर में ASI के द्वारा खुदाई करवाई जा रही है. ASI के अधिकारियों से मेरी चर्चा हुई है. दूसरी से पांचवी सदी के मंदिर व अवशेष मिलने की वहां संभावना जताई गई है. किसी उद्देश्य में एएसआई के द्वारा वाहन खुदाई का कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने हमसे सहयोग मांगा था. जिसको लेकर हमने गुनौर एसडीएम को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है. उम्मीद है कि एएसआई की टीम को वहां प्राचीन मंदिर या स्मारक मिलेंगे.

जिस मंदिर परिसर में हो रही खुदाई, वो छठी शताब्दी का

गुप्तकालीन पार्वती मंदिर से मात्र 30 मीटर की दूरी पर है. चौमुखी मंदिर के करीब है, जिसे काला चूरी राजवंश (6-7वें भेजे गए) बनाया गया था. यह इतिहास से समृद्ध एक स्थल है, जो खजुराहो से करीब 100 किमी से भी कम दूरी पर है. यहां भारत के सबसे पुराने मंदिर को खोजने के उद्देश्य से यह खुदाई कर रहे हैं. सांची में मंदिर नंबर 17, नचने पार्वती मंदिर, तिगवास विष्णु मंदिर और भूमराज शिव मंदिर. जिला मुख्यालय पन्ना से करीब 60 किलोमीटर दूर है. यहां गुप्त काल से पहले के मंदिरों को खोजने की उम्मीद के साथ ये खुदाई की जा रही हैं.

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