Divyang Swabhiman Yatra: 16 सूत्रीय मांगों लेकर पदयात्रा कर रहे दिव्यांगों के हाथ-पैर छाले से भर गए हैं, लेकिन हौंसला अब तक नहीं टूटा है. स्वाभिमान यात्रा में शामिल दिव्यांगों ने 30 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है. अब तक पदयात्रा करते हुए 16 दिन बीत चुके हैं. दिव्यांगों का आरोप है कि वे कड़ी धूप में घिसट रहे हैं, उन्हें सुरक्षा तो दी जा रही है लेकिन मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा.
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दिव्यांगों की 16 मांगों को लेकर पदयात्रा 28 फरवरी को शुरू हुई थी, 16 दिन बीतने के बाद भी ये अब तक जारी है. अब तक दिव्यांगों की 16 सूत्रीय मांगों को नहीं माना गया है. प्रशासन की ओर से कई इंतजाम किए गए, लेकिन अब तक कोई जनप्रतिनिधि भी दिव्यांगों से मिलने नहीं पहुंचा है. दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा कलेक्टर कार्यालय में समाप्त होगी जहां दिव्यांग अपना ज्ञापन सौंपेंगे. जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह गुना पहुंचकर दिव्यांगों से मुलाकात करने वाले हैं.
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600 रुपये में कैसे घर चलाएं?
दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे सुनील पंत बताते हैं कि उनकी सुध लेने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. सभी दिव्यांग अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, किसी से भीख नहीं मांग रहे. उन्होंने कहा कि हम केवल वोट बैंक नहीं हैं. 600 रुपये मासिक पेंशन में घर कैसे चलाएं. सरकार को दिव्यांगों के लिए रोजगारोन्मुखी पॉलिसी तैयार करनी चाहिए.
नहीं टूटा दिव्यांगों का हौंसला
स्वाभिमान पदयात्रा में कुछ ऐसे दिव्यांग भी शामिल हैं, जो चलते-चलते बेहोश हो गए, लेकिन होश में आने के बाद दोबारा पूरे जज्बे के साथ पदयात्रा में शामिल हुए. कालूराम सेन नाम के दिव्यांग सड़क दुर्घटना के चलते बुरी तरह जख्मी हो गया, जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. पदयात्रा में शामिल एक पति अपनी दिव्यांग पत्नी गुड्डीबाई को हक़ दिलाने के लिए मोटरसाइकिल पर बैठा कर यात्रा कर रहा है. बीते रोज यात्री बस में सवार दिव्यांगों को बस चालक ने बीच रास्ते में उतार दिया तो दिव्यांग भड़क गए और उन्होंने चक्काजाम भी कर दिया.
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