महाशिवरात्रि आज, सज गए शिवालय, उज्जैन में लगा महाकाल का दरबार, देखने पहुंचे लाखों श्रद्धालु

Mahakal Lok Ujjain: आज महाशिवरात्रि है. पूरे देश में महाशिवरात्रि की धूम है. मध्यप्रदेश में भी सभी शिवालय सजाए गए हैं. लेकिन उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की बात ही निराली है. महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचे हैं. महाकाल का बेहद भव्य और सुंदर […]

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Mahakal Lok Ujjain: आज महाशिवरात्रि है. पूरे देश में महाशिवरात्रि की धूम है. मध्यप्रदेश में भी सभी शिवालय सजाए गए हैं. लेकिन उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की बात ही निराली है. महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचे हैं. महाकाल का बेहद भव्य और सुंदर दरबार सजाया गया है. महाकाल लोक जिसे हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने तैयार कर श्रद्धालुओं के लिए खोला है, उसे देखने लाखों की संख्या में लोग पहुंच  रहे हैं.

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महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दरबार में अनोखी और अलौकिक महाशिवरात्रि मनाने की तैयारी चल रही है. महाशिवरात्रि की रात से भगवान के पट खुल जाते हैं, जो 24 घंटे के लिए खुले रहेंगे. माना जा रहा है कि महाशिवरात्रि के दिन भक्तों के पहुंचने के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे. इससे महाकालेश्वर में महाशिवरात्रि से पहले महानवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है. महानवरात्रि में भगवान भोलेनाथ का 9 दिनों तक तक अलग-अलग तरीकों से शृंगार किया जा रहा है. इन दिनों भगवान भोलेनाथ को हल्दी उबटन और केसर लगाकर दूल्हे की तरह श्रृंगार किया जा रहा है.

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिव-पार्वती के अलौकिक सौंदर्य और उनके दूल्हे के रूप में विराजित भगवान शंकर को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु लाखों की संख्या में पहुंच रहे हैं. इस पावन पर्व भगवान के अलौकिक रूप को निहारने के लिए भक्त साल भर से इंतजार करते हैं. जब भगवान भोलेनाथ सेहरा पहने दूल्हा बनेंगे और मां पार्वती उनकी दुल्हन और शिव विवाह होगा.

रोजाना एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु आ रहे
उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को दोहरा फायदा हो रहा है, भगवान के दर्शन के साथ ही उन्हें भव्य महाकाल लोक भी देखने को मिल रहा है, जिसका सौंदर्य देखने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. यहां रोजाना एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और भगवान के दर्शन आसान करने के सारे प्रबंध कर लिये हैं. उज्जैन में अलौकिक महाकाल लोक के निर्माण के बाद इसकी भव्यता और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है. आपको बता दें कि महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 में किया था. इसके बाद से यहां दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग चार गुनी हो गई है. शिवरात्रि से पहले महानवरात्रि के मौके पर रोजाना एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए दिव्य महाकाल लोक पहुंच रहे हैं.

फोटो: संदीप कुलश्रेष्ठ, उज्जैन

 

महाकाल लोक की भव्यता
महाकाल लोक के दर्शन कर, यहां की भव्यता देखकर किसी को भी देवलोक में होने का एहसास होने लगेगा. महाकाल कॉरिडोर में कुल 108 स्तंभ है. सभी स्तंभों पर भगवान शिव और उनके जीवन से जुड़ी कथाओं का वर्णन किया गया है. कॉरिडोर में छोटी-बड़ी सभी मिलाकर करीब 200 मूर्तियां है, जो भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन करती हैं. इन मूर्तियों के नीचे बारकोड भी लगे हैं जिन्हें स्कैन करके इन मूर्तियों की कहानी भी जानी जा सकती है.

फोटो: संदीप कुलश्रेष्ठ, उज्जैन

दीवार पर चित्रित है शिव महापुराण

कॉरिडोर की 900 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवार पर शिव महापुराण में वर्णित घटनाओं को चित्रित किया गया है. महाकाल लोक के केंद्र में एक सरोवर बनाया गया है, जिसके केंद्र में भगवान शिव की भव्य प्रतिमा रखी गई है. यहां कमल कुंड ,पंचमुखी शिव स्तंभ, सप्त ऋषि, त्रिवेणी मंडपम आदि बनाए गए हैं. इनके दर्शन कर आपको देवलोक सी अनुभूति प्राप्त होगी.

महाकाल लोक से आय में हुई बढ़ोतरी
महाकाल लोक के प्रथम फेस के निर्माण में लगभग 350 करोड़ रुपये का खर्च आया है, अभी दूसरा फेस बनना बाकी है. महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी हुई है. इससे महाकाल के खजाने तेजी से बढ़ोत्तरी हुई हैं, प्रोटोकॉल की दर्शन व्यवस्था सशुल्क होने से भी आय बढ़ी है. वहीं इसके बनने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उज्जैन में रोजगार के नए रास्ते भी खुले हैं.

फोटो: संदीप कुलश्रेष्ठ, उज्जैन

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श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए फेसिलेटेड सेंन्टर बनाया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. मंदिर में अंदर मोबाईल ले जाना प्रतिबंधित है जिसके लिए मोबाईल लॉकर भी बनाए गए है. जूते-चप्पल रखने और वाहनों की पार्किंग के लिए भी उचित व्यवस्था है. महाकाल लोक में लगभग 113 दुकानें भी बनाई गई हैं. श्रद्धालुओं के रहने, खाने और सुगम दर्शन की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कई परिवर्तन लगातार किए जा रहे हैं.

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