Dr. KP Yadav Exclusive: ‘सिंधिया के BJP में आने के बाद हम भले ही एक लाइन पर ना हो, लेकिन एक पेज पर जरूर हैं’
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MP Tak interview: बीजेपी के गुना से सांसद डॉ. कृष्णपाल सिंह यादव उर्फ केपी यादव की पहचान किसी जमाने में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक समर्थक के रूप में होती थी. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में केपी यादव ने सिंधिया गुट से बगावत करके बीजेपी का दामन थाम लिया था और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ गुना सीट से ही बीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और सिंधिया को उनके जीवन की सबसे बड़ी हार दी.
केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 1 लाख 25 हजार 549 वोटों से हराया था. इतनी बड़ी हार सिंधिया परिवार में इससे पहले किसी की नहीं हुई थी. वक्त बदला, राजनीतिक परिस्थितियां बदली और उसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बदले और आज वे न सिर्फ बीजेपी में शामिल हैं बल्कि उनकी वजह से मध्यप्रदेश में बीजेपी सत्ता में आई और वे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभाल रहे हैं. MP Tak ने इन्हीं बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर जब डॉ. केपी यादव से बात की तो उन्होंने सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री-विधायकों को लेकर कहा कि ‘हम लोग भले ही एक लाइन पर ना हो लेकिन एक पेज पर जरूर हैं’. डॉ. केपी यादव ने खुलकर MP Tak के तमाम सवालों के जवाब दिए. पढ़िए पूरा इंटरव्यू
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MP Tak: 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की क्या रणनीति है?
डॉ. केपी यादव: बीजेपी तो पूरे साल ही चुनावी मोड में रहती है. 12 महीने ही हम जनता की भलाई के काम करते हैं. अभी ऐसी कोई रणनीति बनी हो, ऐसी कोई बात नहीं है. हम तो सालभर ही जनता के बीच रहते हैं और उनके हित के लिए काम करते हैं. हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
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MP Tak: 2023 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव भी है. आपकी क्या तैयारी है?
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डॉ. केपी यादव: बीजेपी 2023 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव दोनों में ही बड़े बहुमत के साथ बंपर जीत दर्ज करने जा रही है. प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में और देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की पुन सरकार बनेगी.
MP Tak: आप 2024 में गुना सीट से फिर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे?
डॉ. केपी यादव: मैं बीजेपी का एक कार्यकर्ता हूं. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो तय करेगा, उसे हम स्वीकार करेंगे. बीजेपी ही इस पर निर्णय करेगी.
MP Tak: आपने 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया को हराया था. अब आप दोनों एक ही पार्टी में आ गए हैं. उनके साथ अब आपके संबंध कैसे हैं?
डॉ. केपी यादव: मेरे संबंध उनके साथ मेरे दादाजी के समय से हैं. हमारा पूरा परिवार शुरू से ही सिंधिया परिवार के नजदीक रहा है. उनके साथ मेरे मधुर संबंध हैं.
MP Tak: ऐसी बातें सामने आईं थी कि जब सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री-विधायक बीजेपी में आए तो आपके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार हुआ?
डॉ. केपी यादव: ऐसा कुछ नहीं है. सिंधिया और उनके समर्थक जो भी बीजेपी में शामिल हुए हैं, वे सभी अब बीजेपी के हो चुके हैं. हम सब मिलकर बीजेपी और देश के लिए काम कर रहे हैं. हो सकता है कि उनके साथ आए कुछ मंत्री-विधायकों का रवैया मेरे लिए भेदभाव पूर्ण रहा हो तो इसे लेकर मैं यही कह सकता हूं कि हम और वे एक लाइन पर ना हो लेकिन एक पेज पर जरूर हैं.
MP Tak: मध्यप्रदेश में इन दिनों बीजेपी की विकास यात्रा निकल रही है. लेकिन कहीं पर स्वागत तो कहीं पर विरोध मंत्री-विधायकों का हो रहा है?
डॉ. केपी यादव: देखिए, मैं जहां भी गया हूं वहां हमारी विकास यात्रा का स्वागत हुआ है. लोगों के बीच में बैठकर चाय पीकर आ रहा हूं. उनको उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि आदि कई योजनाओं का लाभ मिला है. केंद्र और प्रदेश की सरकार की विभिन्न योजनाओं से लोग खुश हैं और उसका अच्छा रिस्पांस हमारे सामने आ रहा है. मुझे विरोध जैसा कहीं भी कुछ नहीं मिला. सबसे बड़ा अंतर यह दिखाई दे रहा है कि 2014 से पहले अखबारों में स्कैम छपा करते थे और 2014 के बाद मोदी जी की योजनाएं अखबारों में दिख रही हैं. लोग बहुत खुश हैं, केंद्र और राज्य सरकार के कामों से.
MP Tak: क्या आपको लगता है कि मध्यप्रदेश में एंटी इंकम्बेंसी जैसी कोई बात है?
डॉ. केपी यादव: बिल्कुल नहीं है. मैंने आपको बताया ही है कि लोग मध्यप्रदेश में हमारे नेता शिवराज सिंह चौहान के काम से बहुत खुश हैं. हमारा सौभाग्य है कि हमें शिवराज सिंह चौहान जैसा मुख्यमंत्री मिला हुआ है. यहां बदलाव दूर-दूर तक नहीं है. हम 2023 का विधानसभा चुनाव भी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही लड़ने जा रहे हैं.
MP Tak- जब सब इतना ठीक है तो आपके भाई कांग्रेस पार्टी में क्यों शामिल हो गए?
डॉ. केपी यादव: देखिए वे 40 साल के हैं. व्यस्क हैं. वे अपने फैसले खुद ले सकते हैं. सिंधिया परिवार, गांधी परिवार और ऐसे कई परिवार हैं जिनके सदस्य एक से अधिक राजनीतिक पार्टियों में शामिल रहे हैं. हमारा परिवार भी एक राजनीतिक परिवार है. सभी अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
MP Tak: 2019 से पहले आप सिंधिया के साथ थे. उसके बाद ऐसा क्या हुआ कि आपने सिंधिया का साथ छोड़ दिया?
डॉ. केपी यादव: देखिए, मेरा गुना-शिवपुरी क्षेत्र पूरी तरह से कृषि आधारित क्षेत्र है. यहां रोजगार का सबसे बड़ा साधन सिर्फ खेती-किसानी ही है. हमारा क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है. इतने साल से कांग्रेस की सरकार देश और प्रदेश में रही लेकिन हमारा क्षेत्र हमेंशा ही पिछड़ा बना रहा. लेकिन जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई तो उससे देश की तस्वीर बदली और उनके कामों से प्रभावित होकर मैंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया था.
MP Tak: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मप्र में 12 दिन तक रही. इसका असर आने वाले चुनावों में पड़ेगा?
डॉ. केपी यादव:- राहुल गांधी की बातें सुनते ही हंसी आती है. मेरे तो अभी तक समझ नहीं आया कि उन्होंने ये यात्रा निकाली क्यों? भारत तो पहले से ही जुड़ा हुआ है. मुझे लगा था कि वे भारत दर्शन करने के लिए निकले हैं, क्योंकि उनकी परवरिश लग्जरी हुई है और विदेशाें में रहे हैं तो शायद भारत को जानने निकले हैं. मुझे लगा था कि भारत दर्शन के बाद उनमें कुछ परिवर्तन आएगा और हमें एक अच्छा और सकारात्मक विपक्ष देखने को मिलेगा. लेकिन इस यात्रा के दौरान जिस तरह से उन्होंने ‘ठंड से डर नहीं लगता’, ‘राहुल मर चुका है टाइप भाषण दिए’ और उसके बाद जब उन्होंने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान ‘अडाणी मिशन’ पर बोलना शुरू किया तो मैं समझ गया कि न तो राहुल गांधी का कुछ हो सकता है और न ही कांग्रेस पार्टी का कुछ भला होने वाला है. आने वाले चुनाव में इनकी इस यात्रा का कोई असर दिखाई नहीं देगा.
MP Tak: अखिलेश यादव पिछले साल मध्यप्रदेश में आए थे. आप भी उनके कार्यक्रम में गए थे. उन्होंने आपको समाजवादी पार्टी में आने का ऑफर भी दिया था?
डॉ. केपी यादव: मैं बीजेपी में बहुत खुश हूं. यहां मैं एक कार्यकर्ता हूं और यहां पर जो भी मुझे दायित्व मिले हैं, उन्हें मैं अच्छे से निभा रहा हूं और यहां मुझे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. बीजेपी के कामों से मैं और मेरे सभी कार्यकर्ता और समर्थक बहुत गौरवान्वित हैं.
MP Tak: रामचरित मानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो विवादास्पद बयान दिया था, उसे आप कैसे देखते हैं?
डॉ. केपी यादव: त्रेतायुग और द्वापर युग में भी राक्षस हुआ करते थे. मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि एक दिन इन जैसे लोगों को सदबुद्धि आए.
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