Weather News: प्रदेश के कई जिलों में शाम से ही गरज चमक के साथ आंधी और बारिश ने फिर से हजारों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. खरगोन जिले में बारिश और तेज हवा की वजह से खड़ी फसलें आड़ी पड़ गईं, तो वहीं कटी फसलें भीगने से खराब हो गईं. अब चिंतित किसान इसे लेकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं. आने वाले दिनों में इलाके में मुख्यमंत्री का दौरा भी है, ऐसे में किसान फसलों के सर्वे और मुआवजे की दरकार है.
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बेमौसम बारिश से खरगोन जिले में करीब साढ़े 3 लाख हेक्टेयर में लगाया गया गेहूं-चना प्रभावित हुआ है तो वहीं दूसरे दिन घनघोर बादल छाए रहने से किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. गीली फसलों को थ्रेशर में से निकालना मुश्किल हो रहा है. साथ ही फसलों की चमक भी फीकी पड़ गई है. मौसम ने गेहूं-चना के बंपर उत्पादन की आस लगाए बैठे किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बारिश के कहर से परेशान किसानों ने अब शासन-प्रशासन से खेतों का सर्वे कर मुआवजे की मांग की है.
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फसलों के साथ खराब हुआ भूसा
खेतों में जो कटी फसल पड़ी थी उसमें नमी आ गई है. इस वजह से कम से कम 4 दिन तक उसे भी निकाल नहीं सकते. बारिश के गीलेपन की वजह से लोग खेतों में मशीनें भी नहीं लगा रहे हैं. चने की फसल भीग जाने से थ्रेसर से ठीक से नहीं निकल पा रही है. किसान राजू पाटीदार का कहना है कि बारिश के पानी और आंधी के कारण गेहूं-चना की फसल आड़ी हो गई है. पानी की वजह से फसल के साथ-साथ जानवरों के लिए जो भूसा तैयार हो रहा था, वो भी बारिश के कारण खराब हो गया.
मुख्यमंत्री का दौरा
17 मार्च को बिस्टान थाना क्षेत्र के अनकवाड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आगमन है. इसी बीच किसान फसलों को पहुंचे भारी नुकसान से परेशान हैं. जिलेभर में किसानों की फसलें चौपट होने के चलते किसानों को सर्वे कराकर मुआवजे की दरकार है. किसान शासन-प्रशासन से खेतों का सर्वे कर मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
आने वाले दिनों में रहेगा ऐसा हाल
बारिश थम गई है, लेकिन मौसम में नमी बरकरार है. मौसम वैज्ञानिकों की माने तो आगामी 3 दिनों तक ऐसा ही हाल रहने वाला है. आने वाले दिनों में भी हल्की बारिश और तेज हवा की संभावना है. बुधवार की रात्रि में खरगोन से लगे प्रेम नगर, बलवाड़ी, बीड गांव, खेड़ी, बिस्टान, झिरन्या, अनकवाड़ी, भगवानपुरा में तेज हवा के साथ बारिश हुई, गेहूं और चने की फसल आड़ी पड़ने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.
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