MP Politics: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश के हजारों अनुसूचित जनजाति (ST) सहित गरीब वर्ग के बेरोजगार नौजवान के साथ हो रहे अन्याय को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री को लिखा कि वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पेसा एक्ट के तहत अनुसूचित जनजाति के लिये अधिसूचित ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर के पदों पर उद्यमिता विकास केंद्र के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों की एसटीएफ गठित कर जांच कराने के निर्देश देने का कष्ट करें.
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मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश माध्यम से राष्ट्रीय ग्राम स्वराज आरजीएसए योजना अंतर्गत ब्लॉक कोऑर्डिनेटर के 89 पदों पर नियुक्ति होनी थी. उद्यमिता विकास केंद्र ने 8 फरवरी को इन पदों के लिए चयनित करीब 900 अभ्यार्थियों के इंटरव्यू निरस्त कर दिए और इसकी सूचना जारी कर दी.
मुझे बताया गया है कि इन पदों पर आपकी पार्टी से जुड़े अनुसांगिक संगठन के लोगों की बिना इंटरव्यू लिये नियुक्ति करने की प्रक्रिया की जा रही है. इस तरह प्रदेश के हजारों अनुसूचित जनजाति सहित गरीब वर्ग के बेरोजगार नौजवानों के साथ अन्याय करना उचित नहीं है.
दिग्विजय सिंह ने पत्र में आगे लिखा- ‘शिवराज जी, मेरा आपसे निवेदन है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पेसा एक्ट के तहत अनुसूचित जनजाति के लिये अधिसूचित ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर के पदों पर उद्यमिता विकास केंद्र के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों की एसटीएफ गठित कर जांच कराने के निर्देश देने का कष्ट करें.
दिग्विजय सिंह लगातार शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. विधानसभा चुनावों को लेकर वह कांग्रेस के सबसे बड़े कैम्पेनर भी हैं. वह शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं. इस बार पेसा एक्ट और उसके जरिए हो रही नियुक्तियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
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