मुंबई से दिल्ली तक सबसे ज्यादा डिमांड वाले ‘शरबती’ की बंपर पैदावार; लेकिन किसानों को क्यों सता रहा है डर?

नवेद जाफरी

23 Feb 2023 (अपडेटेड: Feb 23 2023 7:14 AM)

MP Tak Special: मध्यप्रदेश के सीहोर में इस बार शरबती गेहूं की बंपर पैदावार हुई है. 3 लाख 42 हजार हेक्टेयर एरिया में गेहूं की बोवनी की गई है, जिसमें 48 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है. मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं की मुंबई से दिल्ली तक […]

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MP Tak Special: मध्यप्रदेश के सीहोर में इस बार शरबती गेहूं की बंपर पैदावार हुई है. 3 लाख 42 हजार हेक्टेयर एरिया में गेहूं की बोवनी की गई है, जिसमें 48 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है. मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं की मुंबई से दिल्ली तक सबसे ज्यादा डिमांड है, साथ ही इस खास गेहूं को निर्यात भी किया जाता है. यही नहीं, यह सबसे ज्यादा दाम में बिकने वाली गेहूं की किस्म है. लेकिन बंपर पैदावार के साथ ही किसानों को एक डर भी सता रहा है. आखिर में गेहूं की फसल पर मौसम की मार पड़ रही है. मौसम में बदलाव के चलते कुछ हद तक फसल के उत्पादन के साथ गेहूं की चमक और क्वालिटी पर असर पड़ सकता है. इस वजह किसान डरे हुए हैं.

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जानकारी के अनुसार सीहोर जिले के शरबती गेहूं की देश के कई हिस्सों में डिमांड रहती है. लेकिन अचानक मौसम में हुए परिवर्तन के चलाते फसल की कुछ हद तक पैदावार और इसकी सोने जैसी चमक के साथ ही क्वालिटी पर भी असर पड़ सकता है. इसकी वजह है अचानक से बढ़ी तेज गर्मी. तेज गर्मी के कारण गेहूं का वह दाना जो अभी दुधियापन पर है, वह जल्द पक सकता है और इसके कारण गेहूं का दाना बड़ा नहीं हो पाएगा और छोटा ही रह सकता है.

आपको बता दें कि शरबती गेहूं की खासियत यह है कि इसकी चमक के साथ ही इसके दाने लगभग एक जैसे होते हैं. गेहूं की सभी किस्मों में यह सबसे महंगा बिकता है. लोकमन और अन्य किस्म का गेहूं का भाव जहां बजार में 2000 से 2200 प्रति क्विंटल रहता हैं, वहीं शरबती का न्यूनतम भाव ही 2800 रुपए प्रति क्विंटल होता है. यह आमतौर पर 3300 से 4000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाता है.

फोटो- नवेद जाफरी

3 लाख 42 हजार हेक्टेयर में हुई गेहूं की बोवनी
कृषि विभाग से मिले आंकड़ो के मुताबिक सीहोर जिले में इस बार 3 लाख 42 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई है. जिसमें बंपर पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है. इस बार अनुमान है कि 48 से लेकर 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होगी और पिछले वर्ष 3 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बोवनी की गई थी. जिसमें 47 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन हुआ था. यानी 15 लाख 51 हजार मीट्रिक टन गेहूं की पेदावर हुई थी. इस बार भी अच्छे उत्पादन की उम्मीद की जा रही है.

सीहोर के शरबती गेहूं के देशभर में हैं दीवाने
सीहोर का शरबती गेहूं मुंबई, तमिलनाडु, गुजरात,चेन्नई, दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में भेजा जाता है. यहां के शरबती गेहूं के देशभर में दीवाने हैं. शरबती गेहूं के आटे की रोटियां एकदम सफेद और नरम रहती हैं. हर छोटी बड़ी दुकानों-होटलों और घरों में शरबती गेहूं का ही अधिकतर लोग उपयोग करते हैं.  जिसके चलते शरबती गेहूं की डिमांड पूरे देश में बड़े पैमाने पर रहती है.

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टेंपरेचर बड़ा तो 25 से 30% नुकसान की आशंका
कृषि एवं मौसम केंद्र के तकनीकी अधिकारी डॉ एसएस तोमर ने मौसम से बदलाव से फसल पर असर को लेकर बताया कि आगामी 3 दिनों तक हवा की गति पश्चिम से रहेगी हवा की गति पश्चिम से होने की वजह से तापमान में बढ़ोतरी होगी. जिसके कारण गेहूं में जल्दी पकने की स्थिति बनेगी. जिससे प्रोटीन का परसेंटेज कम रहेगा और दाने का वजन भी कम होगा क्वालिटी गिरेगी.

फसलों को बचाने किसान खेतों में बनाए रखें नमी
गेहूं की फसल को बचाने के लिए कृषि एवं मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएस तोमर ने किसानों के लिए कहते हैं कि जो फसल देरी से बोई गई है. एवं दूध वाली अवस्था में है. वह किसान अपने खेतों में नमी बनाए रखें. उन्होंने बताया कि अभी तक फसल बहुत अच्छी चल रही थी. 15 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी की संभावना थी लेकिन आगामी दिनों में तापमान तेजी से बढ़ता है तो औसत उत्पादन ही आ सकेगा.

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अगले 5 से 10 दिन में पक जाएगी फसल
फसलों के पकने को लेकर कृषि मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर एसएस तोमर ने बताया कि टेंपरेचर हाई हुआ तो अगले 5 से 10 दिनों में सभी फसल पककर तक तैयार हो जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि अगर टेंपरेचर बड़ा तो जो फसल पककर तैयार है उनमें तो नुकसान नहीं है लेकिन जो दूधिया स्थिति में हैं उनमें नुकसान होगा 25 से 30% नुकसान हो सकता है.

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