नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले ‘घर में नहीं है दाने, अम्मा चले भुनाने’, कांग्रेस ने की राजस्थान की तर्ज पर 500 रुपए में सिलेंडर देने की मांग
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mp budget 2023-24: मध्यप्रदेश विधानसभा के अंदर इस समय वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बजट भाषण को पढ़ रहे हैं, ठीक उसी समय कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता और विधायक बजट भाषण का वॉकआउट कर विधानसभा से बाहर चले आए हैं. गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस का धरना चल रहा है. पीसीसी चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सहित सभी कांग्रेसी नेताओं के आरोप हैं कि मध्यप्रदेश सरकार ऐसे समय में बजट लेकर आई है जब केंद्र सरकार ने गैस सिलेंडर पर 50 रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी है. कांग्रेस की सरकार से मांग है कि राजस्थान की तर्ज पर मध्यप्रदेश सरकार भी घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 500 रुपए फिक्स कर दे.
विधानसभा का वॉकआउट कर बाहर निकले कांग्रेस के दिग्गजों ने मीडिया से बात की. सबसे पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ बोले कि मध्यप्रदेश सरकार का यह बजट महिलाओं का बजट बिगाड़ने वाला है. एक तरफ ये महिलाओं को 1 हजार रुपए मासिक देने के दावे कर रहे हैं तो दूसरी तरफ घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा रहे हैं. इन्हें तत्काल मध्यप्रदेश में गैस सिलेंडर के दाम घटाने होंगे.
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘घर में नहीं है दाने, अम्मा चले भुनाने’. डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि पूरी तरह से कर्ज में डूबी मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं को 1 हजार रुपए मासिक देने के झूठे वादे कर रही है. गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाकर महिलाओं का पूरा बजट बिगाड़ दिया है. इसलिए कांग्रेस ने बजट भाषण का वॉकआउट किया है.
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जीतू पटवारी ने की मांग, राजस्थान की तरह करो गैस सिलेंडर के दाम
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और दिग्गज नेता जीतू पटवारी ने विधानसभा के बाहर आकर कहा कि राजस्थान की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 500 रुपए फिक्स किए जाएं. एक तरफ महिलाओं को 1 हजार रुपए महीने देने की बाते हैं तो दूसरी तरफ गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाकर महिलाओं से वही पैसे वापस लेने की योजना है. मध्यप्रदेश सरकार की ये मनमानी नहीं चलने देंगे.
पूर्व गृहमंत्री बोले, 52 हजार करोड़ के राजकोषीय घाटे का बजट है
पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने तकरीबन 52 हजार करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का बजट प्रस्तुत किया है. 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज मध्यप्रदेश सरकार पर है. इनका को खजाना ही खाली नहीं है बल्कि देनदारियां ही बहुत हैं. ऐसे में ये महिलाओं को 1 हजार रुपए मासिक दे ही नहीं पाएंगे. सिर्फ उनको झांसा देने की कोशिश मध्यप्रदेश सरकार कर रही है.
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