CM शिवराज और सिंधिया की जुगलबंदी क्या नागपुर के इशारे पर हुई? MP Tak पर आए कमलनाथ, बोली ये ‘बड़ी बात’

अभिषेक शर्मा

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CM Shivraj Singh Chouhan Jyotiraditya Scindia Dr. Govind Singh Pradyuman Singh Tomar MP BJP mp congress mp politics
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MP Tak Exclusive: मध्यप्रदेश के रीवा में एयरपोर्ट निर्माण के भूमिपूजन कार्यक्रम में भरे मंच से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जब ये कहा कि ‘आज यदि मैं मुख्यमंत्री हूं तो सिर्फ सिंधिया की वजह से हूं. उनके कारण ही आज मैं बतौर सीएम इस एयरपोर्ट के निर्माण का भूमिपूजन कर पा रहा हूं’. सीएम शिवराज को मध्यप्रदेश में पहली बार सिंधिया को इस तरह हर बात का श्रेय देते हुए सुना गया. सीएम शिवराज के इस बयान ने न सिर्फ राजनीतिक पंडितों को हैरत में डाला बल्कि विपक्षी कांग्रेस भी इससे तिलमिला उठी. राजनीति विश्लेषकों ने इस जुगलबंदी को नागपुर और दिल्ली से संचालित होना बताया है. उल्लेखनीय है कि बुधवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से हुई और उसके बाद ही रीवा के कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया को लेकर ये बाते कहीं.

 MP Tak से एक्सक्लूजिव बातचीत में पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ‘महलो के खंडहर से लोकतंत्र नहीं चल रहा है’ तो नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि ‘सीएम शिवराज सिंह चौहान कुर्सी बचाने के लिए अब सिंधिया की चापलूसी पर उतर आए हैं’. लेकिन सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बचाव में सिंधिया समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ‘सीएम ने सच कहा है. सिंधिया की वजह से ही मध्यप्रदेश में बीजेपी सत्ता में आई है’.

वहीं MP Tak ने जब सीएम शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया की इस जुगलबंदी का राज जानने राजनीतिक विश्लेषकों से बात की तो वे बोले, ‘राजनीति में बिना वजह कुछ नहीं होता है. यह सब नागपुर और दिल्ली से तय हो रहा है. उन्हीं के डायरेक्शन में पहली बार सीएम शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया एक साथ एक मंच पर इस तरह की जुगलबंदी करते नजर आए हैं’. MP Tak से एक्सक्लूजिव बातचीत में क्या बोले हैं पीसीसी चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कैसे किया है पलटवार?. क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

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MP Tak से बातचीत में सिंधिया को कमलनाथ ने बताया जंग लगी तोप
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ने पीसीसी चीफ कमलनाथ से दूरभाष पर रीवा में सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस जुगलबंदी पर सवाल किया तो वे बोले ‘नगर निगम के चुनाव में ग्वालियर और मुरैना दोनों महापौर कांग्रेस पार्टी के बने हैं. लोकतंत्र अब जनता चला रही है. महलों के खंडहर से लोकतंत्र नहीं चल रहा है. इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. उसके बाद ना घोषणा मशीन चलेगी और ना जंग लगी तोप’. कमलनाथ ने बातचीत में कहा कि ‘जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, बीजेपी की घबराहट इसी तरह सामने दिखने लगेगी. यह कोई जुगलबंदी नहीं है बल्कि शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की घबराहट इसमें झलक रही है’.

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MP Tak से बोले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, ‘सिंधिया की चापलूसी से नहीं बनेगी बात’
MP Tak से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि ‘सीएम शिवराज सिंह चौहान अब अपनी कुर्सी बचाने के लिए सिंधिया की चापलूसी पर उतर आए हैं. लेकिन सिंधिया की चापलूसी करने से बात बनेगी नहीं. 18 साल से मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान से लोग अब ऊब चुके हैं. जनमानस पूरा खिलाफ हो चुका है. आज यदि ये दोनों साथ में आए हैं तो उसकी वजह है सिंधिया की गद्दारी और कांग्रेस के साथ की गई धोखाधड़ी. सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान दोनों एक जैसे हैं. दोनों का काम तोड़-फोड़ करना और खरीद-फरोख्त करना है.

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डॉ. गोविंद सिंह आगे बोले ‘सीएम शिवराज गलत बोल रहे हैं कि कांग्रेस ने सिंधिया को 2018 में सीएम फेस बनाया था. कांग्रेस ने किसी को भी सीएम फेस नहीं बनाया था. जब बहुमत आया तो विधायकों ने कमलनाथ को अपना नेता चुना था ना कि सिंधिया को. इसलिए कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. रही बात ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया की वजह से होने वाले लाभ-हानि की तो हम बता दें कि कांग्रेस 5 दशक से ग्वालियर नगर निगम चुनाव नहीं जीती थी. तब सिंधिया कांग्रेस में थे. जैसे ही वे कांग्रेस छोड़कर गए तो कांग्रेस ने ग्वालियर और मुरैना महापौर सीट जीतीं. इसी से प्रमाणित हो जाता है कि कांग्रेस की वजह से ही ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया का वजूद था ना कि सिंधिया की वजह से कांग्रेस का वजूद. आने वाले 2023 के चुनाव परिणाम इन सभी बातों को स्पष्ट रूप से प्रमाणित करेंगे’.

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ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया पलटवार
MP Tak से बातचीत में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बोले ‘सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रीवा में जो कुछ भी सिंधिया के बारे में कहा है, वह पूरी तरह से सत्य है. आज बीजेपी सत्ता में यदि है तो सिर्फ सिंधिया की वजह से है. आने वाले 2023 के चुनाव में सिंधिया की वजह से बीजेपी को बहुत बड़ा फायदा होने जा रहा है. डॉ. गोविंद सिंह झूठ बोल रहे हैं कि सिंधिया को सीएम फेस नहीं बनाया था. कांग्रेस पार्टी ने सिंधिया को सीएम फेस बनाया था और उन्हीं का नाम व चेहरा आगे कर 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन चुनाव परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस ने धोखे से सीएम पद की माला बुजुर्ग कमलनाथ को पहना दी थी. तो सभी को पता है कि धाेखाधड़ी और गद्दारी किसने की थी’.

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राजनीतिक विश्लेषक बोले, अब साथ में दिखेंगे सिंधिया और शिवराज
रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि दरअसल कुछ भी अचानक नहीं हो रहा है. दिल्ली और नागपुर के डायरेक्शन में सब कुछ किया जा रहा है. सिंधिया और शिवराज एक साथ एक मंच पर रहें और एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरें, ये मंशा केंद्रीय नेतृत्व की है. केंद्रीय नेतृत्व 2024 के आम चुनावों से पहले मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार की वापसी चाहता है.इसलिए इस तरह का संदेश देने की कोशिश हो रही है कि शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया एक साथ हैं. दोनों साथ मिलकर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक धनंजय प्रताप सिंह बताते हैं कि चुनाव से पहले बीजेपी संदेश देना चाहती है कि सिंधिया गुट जैसा कुछ भी नहीं है. सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री-विधायक बीजेपी में घुल-मिल चुके हैं. इसके साथ ही केंद्रीय नेतृत्व पूर्व में ही मध्यप्रदेश बीजेपी के नेताओं को संदेश दे चुका है कि सिंधिया को साधकर चलना है. उसी कवायद का नतीजा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार सार्वजनिक मंच से अपनी सरकार बनने तक का श्रेय सिंधिया को दिया. केंद्रीय नेतृत्व आम चुनावों से पहले मध्यप्रदेश में किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है. इसलिए शिवराज और सिंधिया एक साथ दिखे हैं और आने वाले समय में भी ये सभी एक साथ ही दिखेंगे.

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